चौरान्यवें (894) दिन बाद हमारा देश स्वतंत्र राज्य बना। तब से आज तक हर वर्ष राष्ट्रभर में बड़े गर्व और हर्षोल्लास के साथ गणतंत्र दिवस मनाया जाता है।
लगभग 2 दशक पुरानी यह यात्रा थी जिसे सन् 1930 में एक सपने के रूप में संकल्पित किया गया था और हमारे भारत के शूरवीर क्रांतिकारियों ने सन् 1950 में इसे एक स्वतंत्रता के रूप में साकार किया। तभी से धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक राष्ट्र के रूप में भारत का निर्माण एक ऐतिहासिक घटना रही।
यह भी कहा जाता है कि 31 दिसंबर 1929 की मध्य रात्रि में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लाहौर सत्र के दौरान राष्ट्र को स्वतंत्र बनाने की पहल की गई थी। इस सत्र की अध्यक्षता पंडित जवाहरलाल नेहरू ने की थी। उस बैठक में उपस्थित सभी क्रांतिकारियों ने अंग्रेज
सरकार के कब्जे से भारत को आजाद करने और पूर्णरूपेण स्वतंत्रता को सपने में साकार करके 26 जनवरी 1930 को 'स्वतंत्रता दिवस' के रूप में एक ऐतिहासिक पहल बनाने की शपथ ली थी। भारत के उन शूरवीरों ने अपनी लक्ष्य पर खरे उतरने की भरकस
इस अवसर पर डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने भारत के प्रथम राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। हालाँकि भारत 15 अगस्त 1947 को एक स्वतंत्र राष्ट्र बन चुका था, लेकिन इस स्वतंत्रता की सच्ची भावना को प्रकट किया तथा 26 जनवरी 1950 को। इर्विन स्टेडियम जाकर राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया और गणतंत्र के रूप में सम्मान देकर भारतीय संविधान प्रभावी हुआ।
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